बुधवार, 11 जनवरी 2023

अनुभूतियाँ : क़िस्त 84

 

333

दिल से उतर गया जब कोई

फिर क्या उससे बातें करता,

वादे करता रहा हमेशा

कभी खरा वह नहीं उतरता।

 

334

पास अगर आ कर बैठे तुम

अपनी अपनी कह लें सुन लें,

वक़्त मिला है पल-दो पल का

आओ नए सपन कुछ बुन लें।

 

335

नज़रों से गिर जाए कोई

दिल में पुन: उतरता कब है ,

टूट भले ही जाता दिल हो

लेकिन भला बिखरता कब है ।

 

336

साहिल का लहरों से मिलना

तुम ने क्यों कमजोरी समझा,

लहरों का आलिंगन करना

तुम ने क्यों बरजोरी समझा [


 

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