रविवार, 8 जनवरी 2023

अनुभूतियाँ : क़िस्त 66

 

261

नकली चेहरे वाले करते

सत्ता सुविधा का संचालन,

नकली सिक्के कर देते हैं

असली सिक्कों का निष्कासन।

 

262

अहम भरा नस नस में उनके

हरदम सबकॊ छोटा समझें ,

अपना सिक्का असली सिक्का

औरों का वो खोटा समझें ।

 

263

हर मौज़ू पर इल्म बाँटते

अपने को वो बरतर आँके ,

बात अमल की जब आती है

इधर उधर वो बगले झाँके  

 

264

कुएँ का मेढक क्या जाने

उसकी तो बस उतनी दुनिया

उछल रहा है ऐसे मानों

नाप के आया कोई दरिया।


 

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